धुम्रपान जहर है, इससे बचें और अपनों को बचाएं

दोस्तों के साथ लगी आदत जीवन में मुझे इतने बड़े संकट में डाल देगी यह मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। 20 साल की बीड़ी पीने की आदत ने मुझे मुंह का कैंसर तोहफे में दिया। उसी दिन मैंने ठान लिया कि अब इस जहर को कभी अपने होठों से नहीं लगाऊंगा। 

करीब छह साल पहले मुझे जीभ के नीचे एक छाला हुआ। कई दवा खाई, लेकिन छह माह तक छाला सही नहीं हुआ। उसके बाद मैंने झालावाड़ के डॉक्टर को दिखाया। वहां हुई जांच में मुझे कैंसर बताया गया। यह सुनते ही एक बार मेरा दिल बैठ गया। सोचा कि, किसान हूं और खेती करके अपना घर चलता हूं, ऐसे में कैंसर जैसी बीमारी का इलाज कैसे करवाऊंगा। मुझे डॉक्टर ने जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल में उपचार करवाने की सलाह दी। यहां मेरा उपचार डॉ नरेश लेडवानी ने शुरू किया। पहली बार जब डॉक्टर से मिला तब ही उन्होंने मुझे समझाया कि बीड़ी की आदत छोड दूं और पूरा उपचार लूं। जैसे-जैसे डॉक्टर ने कहा मैं उपचार करवाता रहा। 8 दिसम्बर 2011 को मेरी सर्जरी हुई। सर्जरी होने के बाद सेक और दवा चलती रही। 


छह माह मेरा उपचार चला और मैं कैंसर मुक्त हो गया। बी.पी.एल श्रेणी में होने की वजह से मेरा उपचार भी निःशुल्क हुआ। आज कैंसर मुक्त हुए मुझे छह साल हो गए है और मुझे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। मुझ जैसे गरीब (बीपीएल) का इलाज निःशुल्क हुआ इसलिए मैं डॉ नरेश लेडवानी और भगवान महावीर कैंसर अस्पताल प्रबंध को तहेदिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। 

मैं लोगों को यही संदेश देना चाहता हूं कि बीड़ी, तम्बाकु, गुटखा जैसी चीजें जहर के समान है जो आपकी जिन्दगी को खराब कर सकते हैं। अगर आप इसका सेवन करते हैं तो आज ही इसे छोडे और तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच करवाए। 

कैंसर सरवाइवर विक्रम सिंह, झालावाड़ 

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