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Showing posts from May, 2017

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भगवान महावीर कैंसर अस्पताल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में चल रही 10 दिवसीय कार्यक्रमों की श्रृंखला के अन्तिम दिन समाज को तम्बाकू मुक्त रहने का संदेश देते हुये मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया। चिकित्सालय के नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी एवं चिकित्सालय कर्मचारियों द्वारा इस मानव श्रृंखला को बनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री माननीय राजेन्द्र सिंह जी राठौड़ रहे। कार्यक्रम में श्री नवरतन जी कोठारी अध्यक्ष, श्रीमती अनिला कोठारी वरिष्ठ उपाध्यक्षा, श्री विमलचन्द सुराणा प्रबन्धन्यासी, डॉ. प्रेम सिंह लोढा अधिशाषी निदेशक, डॉ. (मेजर जनरल) एस सी पारीक चिकित्सा निदेशक, कैंसर सरवाइवर्स, दस दिवसीय तंबाकू मुक्ति अभियान में भागीदारी दर्शाने वाले जयपुरवासियों सहित नर्सिग कॉलेज के छात्र, चिकित्सालय के समस्त कर्मचारी, कैंसर केयर मेम्बर्स एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। तम्बाकू मुक्ति पहल का समर्थन ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री माननीय राठौड़ साहब ने चिकित्सालय द्वारा तम्बाकू मुक्ति के लिए आयोजित किए गए दस दिवसीय अभियान की सराहना

तंबाकू सेवन से हुआ कैंसर,भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में कराया इलाज, ठीक होने के बाद लोगों को कर रहे है प्रेरित

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लक्ष्मणगढ़, जिला सीकर निवासी घनश्याम दत्त की तंबाकू खाने की लत ने उनको कैंसर रोगी बना दिया। घनश्याम दत्त वर्ष 1970 से तम्बाकू का सेवन कर रहे है। तम्बाकू के शौक ने इन्हें वर्ष 2006 में कैंसर रोगी बना दिया। जिस तंबाकू की वजह से उनको कैंसर हुआ, अब उसी के सेवन से दूरी बनाने के लिए लोगों को वह जागरूक रहे है। 8 महिने चला इलाज घनश्याम दत्त मूँह में घाव हुआ जो लगातार 8-10 महिने तक रहा, दवाईयों से भी सही नहीं हुआ। अलवर दिखाया, किसी ने भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में सम्पर्क करने की सलाह दी। भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय मेें डॉ. अनिल कुमार गुप्ता जी से मिले। उन्होने आश्वस्त किया कि ऑपरेशन एवं उपचार के बाद आप पूर्णतः स्वस्थ हो जाओंगे। उपचार प्रारम्भ हुआ, ऑपरेशन के बाद कीमोथौरेपी एवं रेडियोथैरेपी हुई। सम्पूर्ण उपचार में लगभग 6 माह का समय लगा। आज वह पूरी तरह कैंसर मुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी रहे है। लोगो को करते है प्रेरित तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए लोगो को प्रेरित करते है, जब भी किसी युवा को तम्बाकु सेवन करते हुये देखते है तो उसके दुष्प्रभावों से उसे अवगत कराते है, एवं तम्बाकू

भगवान महावीर कैंसर अस्पताल की तंबाकू भारत छोड़ो मुहिम

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भगवान महावीर कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की ओर से विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम का मकसद लोगों में तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य पर नुकसान के प्रति जागरूकता लाना है। 31 मई तक होंगे आयोजन भगवान महावीर कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की वरिष्ठ उपाध्यक्षा श्रीमती अनिला कोठारी ने बताया कि अस्पताल का मकसद तंबाकू से होने वाले कैंसर में हो रही बढ़ोतरी को कम करना है। इसके तहत विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत सिगनेचर कैम्पेनिंग से की गई है। इसमें जेएलएन मार्ग में अस्पताल परिसर के मुख्य द्वार पर सिगनेचर वॉल स्थापित की गई है। इस पर 31 मई तक जयपुर निवासी तंबाकू छोड़ने और कैंसर को हराने का संदेश प्रदान कर सकते है। लिखें संदेश , छोड़े तंबाकू भगवान महावीर कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के चिकित्सा निदेशक मेजर जनरल एस

कैंसर विजेता छीतरमल गुर्जर की मुहिम "ज़िन्दगी चुनो, तम्बाकू नहीं"

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जयपुर के जगतपुरा निवासी किसान छीतरमल कैंसर मरीजों के लिए एक जीवंत मिसाल है, जो कैंसर को पराजित कर अपना सामान्य जीवन जी रहे है। जी हां, जगतपुरा, जयपुर निवासी छीतरमल गुर्जर पेशे से किसान है। वर्ष 2003 में इनको गले में दर्द की शिकायत हुई 4-6 महिने ऐसे ही निकाल दिये, तकलीफ बढ़ने पर चिकित्सक को दिखाया, चिकित्सक ने सीधे भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में दिखाने की सलाह दी। डॉ. संजीव पाटनी को दिखाया। जीभ की बॉयोप्सी की। पता चला कैंसर है। ऑपरेशन हुआ, उपचार चला। लगातार 5 वर्ष तक चिकित्सालय में फोलोअप पर रहा। आज पूरी तरह कैंसर मुक्त स्वस्थ जीवन जी रहे है।                                                                    इसलिए है खास इलाज से पहले  यह भगवान महावीर कैंसर अस्पताल के लिए खास इसलिए है कि इन्होंने ना केवल कैंसर को हराया साथ ही अन्य मरीजों में भी कैंसर को हराने के लिए आत्मविश्वास पैदा कर रहे है। छीतरमल तम्बाकू मुक्त जीवन जीने के लिए अपने आसपास के लोगों को प्ररित कर रहे है, ताकि उनको तम्बाकू से हुआ गंभीर कैंसर रोग अन्य किसी को नहीं हो। इलाज पर भरोसा, स्वयं पर आत्मविश्वास

भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में उपचार करवा रहे कैंसर पीड़ित बच्चों को मिले मनचाहे उपहार

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के.जी.के ड्रीम्ज फाउण्डेशन द्वारा राउण्ड़ टेबल इण्ड़िया के सहयोग से भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में उपचार करवा रहे बच्चों को मनचाहे उपहार देकर विश पूरी की गई। 15 बच्चों को मिले मनचाहे उपहार चिकित्सालय में उपचार करवा रहे बच्चों ने अस्पताल की वरिष्ठ उपाध्यक्षा श्रीमती अनिला कोठारी को अपनी मनचाही उपहार इच्छा के बारे में बताया। शुक्रवार को राउण्ड़ टेबल इण्ड़िया के सौजन्य से कैंसर पीड़ित बच्चों की इन अनूठी मांगो को पूरा किया गया। अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 15 बच्चों को कम्प्यूटर, मोबाइल, विड़ियो गेम, साईकिल, खिलौने प्रदान कर उनकी विश पूरी की गई। मनचाहे उपहार पाकर बच्चों के चेहरे खुशी से दमक उठे। बच्चों ने काटा केक इस अवसर पर राउण्ड़ टेबल इण्ड़िया द्वारा तैयार करवाया गया स्पेशल केक कैंसर पीड़ित बच्चों द्वारा काटा गया। केक काटकर बच्चो ने कैंसर ईलाज के दर्द को चन्द मिनटो में ही भुला दिया। आत्मविश्वास बढ़ाने की पहल भगवान महावीर कैंसर अस्पताल प्रबन्धन के अनुसार यह पहल कैंसर पीड़ित बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने एवं उनको परिवारिक माहौल प्रदान करने की है। इस पहल के तहत कैंसर प

अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेस दिवस पर भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

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अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेस दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन आधुनिक नर्सिंग आन्दोलन की जननी फ्लोरेन्स नाईटिंगेल को किया याद जयपुर। 12 मई। आधुनिक नर्सिंग पेशे की जन्मदाता फ्लोरेन्स नाईटिंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था, इनके जन्म दिवस को पूरा विश्व, नर्सेस दिवस के रूप में मनाता है। नर्सिंग अधीक्षक सुश्री डोना जोस ने दिलाई शपथ कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग कर्मचारियों एवं नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थियों को फ्लोरेन्स नाईटिंगेल के नक़्शे कदम पर चलते हुये रोगियों की सेवा करने की शपथ दिलाई। रोगी के लिये चिकित्सक से ज्यादा नर्सिंग देखभाल अधिक महत्वपूर्ण नर्सिंग कर्मचारियों द्वारा रोगियों को दी जा रही बेहतर सेवाओं की तारीफ करते हुये चिकित्सालय की वरिष्ठ उपाध्यक्षा श्रीमती अनिला जी कोठारी ने बताया कि किसी भी रोगी के लिए चिकित्सक से ज्यादा नर्सिंग देखभाल महत्वपूर्ण है, क्योंकि रोगी पूरे 24 घण्टे नर्सिंग कर्मचारी की निगरानी में रहता है। इसलिए रोगी की पीड़ा को चिकित्सक से ज्यादा नर्सिंग स्टॉफ बेहतर तरीके से समझते है एवं उसका निवारण तत्परता के साथ करते है। विभिन्न कार्यक्र

कैंसर रोग एवं उपचार

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कैंसर रोग एवं उपचार कैंसर रोग क्या है? कैंसर रोग हमारे अपने शरीर की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है। साधारणतया खराब कोशिका की मृत्यु हो जाती है। परंतु कैंसर में यह खराब कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से वृद्धि करती है। क्या कैंसर रोग नया है? कैंसर रोग नया नहीं है। डाइनासोर की हडिडयों में, मिश्र की ममी में भी कैंसर रोग पाये गये है। क्या कैंसर का पता जल्द अवस्था में लग सकता है? हां, यदि हम सचेत रहे एवं कोई परेशानी होने पर तुरन्त डाक्टरी जांच करवाऐ तो जल्द अवस्था में पता लग सकता है। कैंसर के मुख्य लक्षण क्या है? शरीर के किसी भाग में गॉठ का होना, लगातार लंबे समय तक खॉसी रहना, मल मूत्र में खून आना, खाना निगलने में रूकावट महसूस होना, मुंह में छाले या घाव होना जो कि ठीक नहीं हो रहा हो, आवाज का लंबे समय तक बैठना कैंसर के मुख्य लक्षण होते है। महिलाओं में स्तन में गॉठ होना, माहवारी के रास्ते बदबूदार पानी या यौन के बाद खून आना, आदि कैंसर के लक्षण होते है। कैंसर के मुख्य कारण क्या है? कैंसर के मुख्य कारण में तम्बाकू बीड़ी सिगरेट, हुक्का, चीलम, गुटका, जर्दा, जर्द का पान, अत्यधिक श

स्तन कैंसर - भ्रांतियाँ एवं तथ्य

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स्तन कैंसर - भ्रांतियाँ एवं तथ्य स्तन कैंसर की बढ़ती हुई दर निश्चित रूप से चिंता का विषय है। यधपि इससे सम्बन्धित जागरूकता बढ़ रही है परन्तु अब भी स्तन कैंसर के बारे में कई भ्रांतियाँ प्रचलित है। यहाँ आपकी जानकारी के लिये इन भ्रांतियों के पीछे छुपे तथ्य पेश किये जा रहे है। भ्रांति - स्तन में प्रत्येक गाँठ कैंसर की गाँठ है। तथ्य - स्तन में पायी जाने वाली गाँठों में से कैंसर वाली गाँठे मात्र 20 प्रतिशत होती है। परन्तु यह मान लेना कि आप उस 20 प्रतिशत में नहीं है, उचित नहीं है। यदि आपको गाँठ महसूस हो तो डाक्टरी जाँच, मैमोग्राफी और सूई की जाँच या साईटोलोजी करवाना आवश्यक हैं। इन सबके आधार पर ही गाँठ की प्रवृति - कैंसर या साधारण  का पता लगाया जा सकता है। भ्रांति - यदि गाँठ में दर्द नहीं है तो चिंता का विषय नहीं है और डाक्टरी सलाह की कोई आवश्यकता नहीं है। तथ्य - कैंसर की गाँठ में प्रारम्भिक अवस्था में दर्द नहीं होता है। अतः स्तन में गाँठ जिसमें दर्द न हो कैंसर की गाँठ हो सकती है। जब यह गाँठ धीरे-धीरे बढने लगती है, तब आस-पास की नसों व त्वचा पर दबाव डालती है और उनमें फैल जाती है। ऐसी स

भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में इलाज करवा रही राजस्थान की कैंसर मरीज ने दर्ज करवाया गिनीज बुक में नाम

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राजस्थान की शशि शोभावत ने कैंसर को मात देने के साथ अपनी प्रतिभा के दम पर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है। शशि शोभावत स्तन कैंसर का इलाज भगवान महावीर कैंसर एवं अनुसंधान केंद्र में डॉ अजय बापना की देखरेख में जारी है। गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम शशि शोभावत ने चेन्नई में आयोजित क्रोशिया (कसीदाकारी)  मदर इंडिया क्रोशेट क्वींस  प्रतियोगिता में 11,148 .5 मीटर लंबा क्रोशिया कम्बल बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया। शौक को बनाया हुनर शशि शोभावत ने अपने कसीदाकारी शोक को हुनर में बदलकर यह मुकाम हासिल किया। इनका कहना है कि वह घर के काम के अलावा बचे समय का उपयोग अपने कसीदाकारी शोक को पूरा करने के लिए करती थी। इससे आय और नाम अर्जित करने के बारे में कभी सोचा भी ना था। कैंसर की बीमारी सामने आने के बाद एक बारगी अंधेरा छा गया, लेकिन अब ना केवल कैंसर का रोग बीते कल की बात है साथ ही यह शौक भी हुनर बनकर विश्व में नाम कर रहा है। कैंसर पेशेंट को करेंगी प्रेरित                                        शशि ने बताया कि प्रतियोगिता मे

इरफान खान ने की भगवान महावीर कैंसर अस्पताल के कैंसर पीड़ित बच्चो से मुलाकात

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भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में ईलाज ले रहे कैंसर पीड़ित बच्चों ने इरफान खान से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी, उनकी यह इच्छा आज पूरी हुई। हर दिन एक जंग की तरह अपनी बीमारी से लड़ रहे इन बच्चों की मनचाही इच्छापूर्ति होने पर उनके चेहरे पर जो ख़ुशी झलकती है वह बहुत ही अदभूत होती है। किसी ने मांगा आटोग्राफ तो किसी ने की डायलॉग बोलने की फरमाईश  कैंसर पीड़ित बच्चों में किसी ने इरफान खान से ऑटोग्राफ लिया तो किसी बच्चे के कहने पर उन्होंने अपने विख्यात डायलॉग बोलकर बच्चों का मनोरंजन किया। के.जी.के ड्रीम्ज फाउंडेशन की पहल   के.जी.के ड्रीम्ज फाउंडेशन  का उद्देश्य  कैंसर जैसी भयावह बीमारी से पीड़ित बालरोगियों को उनके मनचाहे उपहार देकर चेहरों पर मुस्कान लाना है। इसके तहत अस्पताल में भर्ती 1 से 18 साल की आयु के बच्चों की कोई भी एक विश पूरी करने की पहल की जाती है। के.जी.के ड्रीम्ज फाउंडेशन के द्वारा अब तक 3000 से अधिक बालरोगियों की विश पुरी की जा चुकी है।

वर्ल्ड विश डे पर कैंसर पीड़ित बच्चों को मिले मनचाहे उपहार

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वर्ल्ड विश डे के उपलक्ष पर भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में ईलाज ले रहे कैंसर पीड़ित बच्चों को मनचाहे उपहार देकर इच्छापुर्ति की गई। उपहार पाने की इच्छा हर किसी की होती है, मगर जब यह ख्वाहिशें उनकी पूरी होती है जो हर दिन एक जंग की तरह अपनी बीमारी से लड़ रहे है, तो यह सबसे बडी उपलब्धि है। बच्चों की विश  हुई पूरी बच्चों की विश  भी अनूठी होती है कोई कहता है की मुझे पुलिस बनना है, किसी कलाकार से मिलना है, किसी को कम्प्युटर चाहिए, किसी को मोबाईल, तो किसी को डाॅल चाहिए। अस्पताल में भर्ती 3 बच्चों को मोबाईल फोन एक को रिमोट कार एवं एक को साइकिल प्रदान की गई। उपहार मिलने की ख़ुशी बच्चों के चेहरे पर साफ झलक रही थी। इनमें से 16 वर्षीय किशोर को मोबाईल मिलने पर उसका कहना था कि आज से वह खेलने न जाने के दुख को कभी महसुस नही करेगा। बच्चों मे बढ़ता है आत्मविश्वास   बच्चों को अस्पताल आना बिलकुल पसन्द नही होता। डाॅक्टर एवं इंजक्शन के ड़र से बच्चे रोने लगते है तभी यह छोटे-छोटे उपहार उनके चेहरों पर मुस्कान ले आते है एवं उन्हे अपनी बीमारी से लड़ने का आत्मबल देते है। बच्चों के ईलाज पर भी इस