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Showing posts from August, 2017

मनचाहा उपहार पाकर बाल कैंसर रोगियों के चेहरों पर खिली मुस्कान

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इंडियन टेलीविजन और बॉलीवुड फिल्म एक्ट्रेस स्मिता बंसल ने जब कैंसर पीडित बच्चों से मुलाकात करके उन्हें उपहार दिए तब सभी बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में चमक आ गई। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कैंसर का उपचार करवा रहे बाल रोगियों से मिलने के लिए मंगलवार को  फिल्म एक्ट्रेस स्मिता बंसल हॉस्पिटल पहुंची। एक्ट्रेस से ना सिर्फ बच्चों से मुलाकात की बल्कि उन्हें उपहार देकर उनकी विशेज को पूरा भी किया। किसी ने लिए ऑटोग्राफ, किसी ने खिचवाई फोटो  बालिका वधु फेम स्मिता बंसल को अपने बीच देखकर बाल रोगी काफी खुश नजर आए। किसी ने एक्ट्रेस के साथ सेल्फी ली तो किसी ने ऑटोग्राफ लिए। बच्चों का उत्साह देखकर स्मिता बंसल ने कहा कि हमें इन बच्चों से सीख लेनी चाहिए। अपने जीवन में हर दिन एक चुनौती का सामने करने वाले यह बच्चें जीवन को किस तरह से सकारात्मक रूप से लेते हुए और अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ अपने आस-पास खुशियों को बिखेर देते हैं। मुझे इन बच्चों से मिलकर काफी पॉजिटीव एनर्जी मिल रही है। हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से बच्चों को उपहार देने और सेलिब्रिटी से उनकी मिलने की ख्वाहि

जनसेवा के लिए अनिला जी कोठारी को मिला विशेष सम्मान

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जन सेवा के क्षे़त्र में कार्य कर रही समाज सेविका अनिला कोठारी को चिकित्सा क्षेत्र में उनकी ओर से किए जा रहे  निस्वार्थ कार्यों के लिए विशेष सम्मान दिया गया।  यह सम्मान फैडरेशन ऑफ सोश्यल वर्क्स एंड ऑर्गेनाइजेशन तथा व्हाइट बॉक्स मीडिया की ओर से होटल मैरियट में आयोजित एनजीओ ऑनर सेरेमनी के दौरान दिया गया। समाजसेवा करने वालों को प्रोत्साहित करने व उनका मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस समारोह में कैंसर केयर की चैयरपर्सन अनिला कोठारी को चिकित्सा के क्षेत्र में मानव सेवा के लिए विशेष सम्मान दिया गया। गौरतलब है कि भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल में कैंसर रोगियों के हितार्थहेतु चल रहे एनजीओ कैंसर केयर की ओर से डोनेट ए लाइफ प्रोजेक्ट चल रहा है। जिसके तहत 1 से 14 साल तक के ब्लड कैंसर से ग्रसित बच्चों को निशुल्क चिकित्सा एवं दवा की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।   कार्यक्रम के दौरान अनिला कोठारी के साथ ही 25 एनजीओ को सम्मानित किया गया, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, शराबबंदी, भष्टाचार, कन्या भ्रुण हत्या, बाल विकास, वृद्धजन कल्याण,

सकारात्मक सोच से जीत ली जिन्दगी की जंग

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जिन्दगी में खुशी और गम समय के साथ आते और जाते है। इस सफर में जरूरत होती है तो सिर्फ सही सोच के साथ चीजों को समझने की। आज भी याद है मुझे वो दिन 10 जून 2014 का जब मुझे पता चला मुझे जीभ का कैंसर है। यह सुनते ही एक पल के लिए मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया, लेकिन दूसरे ही पल ख्याल आया कि भगवान मुसीबतें भी उसी के सामने लाता है जो उनसे उभरे की हिम्मत रखते हैं। मेरा एक बेटा है जो नेवल ऑफिसर और पति का देहांत हो चुका है। ऐसे में जब मुझे कैंसर के बारे में पता चला उस समय मैं और मेरी गर्भवती बहु हम दो ही साथ थे। कैंसर का पता चलते ही मुझे जल्द ही अपने उपचार की शुरूआत करवानी थी, इसलिए मैंने बिल्कुल भी देरी नहीं की। इस स्थिति में भगवान ने भी मेरा पूरा साथ दिया जो मुझे उपचार के लिए सही हाथों में पहुंचाया। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर अनिल गुप्ता ने मेरी सर्जरी की और कैंसर को निकाला। सर्जरी के बाद भी मैं हॉस्पिटल में भर्ती रहीे और जिस तरह से डॉक्टर ने बताया उसके अनुसार उपचार करवाती रही। उपचार के दौरान 33 रेडिएशन थैरेपी हुई। अब मैं पूरी तरह से कैंसर मुक्त हूं। अब तीन माह में एक बार डॉक्ट

अब जाना है की हर टयूमर कैंसर नहीं होता

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जयपुर निवासी शिवानी शर्मा ने बताया कि 10वीं के एग्जाम के बाद मैं अपनी पूरी फैमेली के साथ हॉलीडे एंजॉय कर रही थी और इसी दौरान मुझे पांव में बहुत तेज दर्द होने लगा। इससे पहले भी मुझे पांव में दर्द होता था, लेकिन वो बहुत हल्का था, इसलिए मैंने उस पर ज्यादा गौर नहीं किया। इस बार जो दर्द हुआ वो इतना तेज था कि मेरा चलना-फिरना बंद हो गया। डॉक्टर को दिखाकर जॉच करवाई तो पता चला कि पांव में टयूमर है। इसको जानकर मैं कुछ ज्यादा नहीं समझ पाई, लेकिन घर वालों के हाव-भाव देखकर मुझे भी टेंशन होने लगी। उसके बाद घर वालों ने कई हॉस्पिटल और डॉक्टर्स के चक्कर लगाना शुरू कर दिया। शिवानी की मां अनिता ने बताया कि दिल्ली एम्स सहित हमने राजस्थान के चार हॉस्पिटल में इस टयूमर को निकलवाने के लिए डॉक्टर्स से मुलाकात की, लेकिन सभी ने इसकी सर्जरी में 99 परसेंट पांव कटने का रिस्क बताया, जिसकी वजह से हम इसे ऑपरेट करवाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। इसके बाद भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के डॉ प्रवीण गुप्ता से मुलाकात हुई और उन्होंने इस केस में पांव काटने रिस्क सिर्फ 1 परसेंट बताई। हमें विश्वास हो गया कि अब हम सही

हैल्दी लाइफ स्टायल के दिए टिप्स

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भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल  और ओरियन क्लब के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को हैल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किया गया। लिंकिंग रोड स्थित होटल विस्टा इंटरनेशनल में आयोजित इस कार्यक्रम में क्लब के सदस्यों के लिए हैल्दी लाइफ स्टायल विषय पर टॉक का आयोजन किया गया। टॉक के दौरान कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ जयश्री गोयल ने स्वस्थ जीवनशैली और कैंसर रोग बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का उददेश्य महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और कैंसर के बारे में जानकारी देना था।  इस मौके पर डॉ जयश्री गोयल ने बताया कि व्यक्ति का खान-पान और उसकी जीवनशैली उसके स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव डालती है। आज के समय में भागती-दौडती इस जीवनशैली के कारण लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें कई बीमारियों को झेलना पडता है। डॉ गोयल ने अपने प्रेजेंटेशन के दौरान कैंसर रोग के कारण, प्रकार और उपचार के बारे में भी जानकारी दी। इस मौके पर महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट एंड सर्विक्स कैंसर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई। सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिन के तरीके के बारे में बताया गया। क्लब अध्यक

भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में राज्य के पहले ए.एम.एल वार्ड की शुरुवात, इंफेक्शन रहित होगा उपचार

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भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एंव अनुसंधान केन्द्र में शुक्रवार को राज्य के पहले ए.एम.एल वार्ड की शुरुवात हुई। इस वार्ड के जरिए ए.एम.एल (एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया) के मरीज को उपचार के दौरान इंफेक्शन से पूर्ण रूप से मुक्त रखा जा सकेगा। वार्ड का उदघाटन चिकित्सालय के अध्यक्ष श्री नवरतन कोठारी द्वारा किया गया।  अस्पताल के हीमेटोलोजिस्ट  डॉ ललित मोहन शर्मा एवं डॉ उपेन्द्र शर्मा ने बताया कि ए.एम.एल एक प्रकार का ब्लड कैंसर है। इसके उपचार के दौरान रोगियों में इंफेक्शन का खतरा अन्य रोगों के मुकाबले 90 फीसदी तक ज्यादा होता है। ए.एम.एल के रोगी को उपचार के दौरान निमोनिया, खांसी और बुखार सहित कई तरह इंफेक्शन हो जाते हैं। जिसकी वजह उपचार का समय और उस पर होने वाला खर्च दोनों ही बढ जाता है। इस समस्या को देखते हुए चिकित्सालय के 12 बैड की क्षमता के ए.एम.एल वार्ड की  शुरूआत की गई है।  इस वार्ड में प्रवेश के तीन स्तर रखें गए है, जिससे जब डॉक्टर या नर्सिंग कर्मचारी मरीज तक पहुंचे तो, कोई भी इंफेक्षन की संभावना नहीं रहे। चिकित्सालय की चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुभा पठानिया ने बताया कि

जिंदगी का मूल्य तब समझ में आया जब 'कैंसर' ने मुझे गले लगाया

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अवधेश कुमार निवासी यूपी, 19 साल की उम्र में मुझे गुटखा खाने की आदत लगी। यह आदत मुझ पर धीरे-धीरे हावी होने लग गई थी। 30 साल की उम्र में रोज के 15 से 18 पैकेट गुटखें के खा जाया करता था। मेरी इस लत का हिसाब मुझे चुकाना पडा। मेरी जीभ के कॉर्नर पर एक सफेद छाला हुआ। जो लाख कोशिशों के बाद भी एक साल तक ठीक नहीं हुआ। उसके बाद मैंने अपने एक दोस्त को इस छाले के बारे में बताया और उसने कहा 'कि हो सकता है यह कैंसर की निशानी हो। यह सुनते ही मेरा गला सूख गया। ऐसा लगा कि दोस्त का शक सही होगा तो जिंदगी ही खत्म हो जाएगी। उसकी बातों से मैं बहुत डर गया था। उस समय मैंने अपने घर वालों को अपनी स्थिति बताई और फिर मेरे पिता मुझे डॉक्टर के लेकर गए। जांच के दौरान सामने आया की मुझे कैंसर है । इस खबर से पिता की आंखों में दुख के आंसु झलक गए, जिसने मुझे अंदर से झंझोर दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिसके कारण दिल्ली में उपचार नहीं करवा पाया। मुझे दिल्ली के एक डॉक्टर की ओर से जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के बारे में पता चला और मैं यहां उपचार करवाने के लिए आ गया। यहां ना सिर्फ किफायति उप

कठपुतलियों की कहानी से चेहरे पर आई मुस्कान

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भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय में शनिवार को बाल कैंसर रोगियों के लिए कठपुतलियों द्वारा स्टोरी टेलिंग का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मिसिज यूनिवर्स गोल्डन हार्ट एंड मिसेज यूनिवर्स यूरो एशिया रश्मी सचदेवा ने बाल रोगियों से मिलकर उनकी हिम्मत को सराहते हुए उनमें आत्मबल बढाया। सेशन में नेशनल लेवल स्टोरी टेलर और लेखिका डॉ श्वेता सिंह की ओर से बच्चों को कई रोचक कहानियां सुनाई गई। सेशन के दौरान ’’जंगल में टॉयलेट’’ कहानी में जानवरों के किरदार की कठपुतलियों द्वारा जंगल में शौचालय बनाने की कहानी कही गई। इसके साथ ही बाल रोगियों को ’’टिकली’’ और ’’एक था राजु की कहानी’’ सुनाकर उनका मनोरंजन किया गया। बच्चों से मिलकर मिली खुशी  रश्मी ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हुई इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखकर। इनसे मिलकर सीखा कि किस तरह से दुख और मुश्किलों के समय पर भी खुश रहा जा सकता है। इनकी आंखों में सकारात्मक सोच की झलक है। जो हम सभी को काफी प्रेरणा देती है। मुझे इन बच्चों से मिलकर काफी पॉजिटीव एनर्जी मिली है। इस मौके पर बच्चों की ओर से अपनी कविता रचना, कहानी और देशभक्ति गीतो

Unique organ reconstruction surgery performed at Bhagwan Mahaveer Cancer Hospital and Research Centre, Jaipur, Rajasthan

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A unique organ reconstruction surgery has been performed at Bhagwan Mahaveer Cancer Hospital and Research Centre (BMCHRC) . This successful surgery effectively helped in removing oral cancer tumor in addition to reconstructing the cheek, jaw and faringe of the patient with a new and innovative technique leading to a faster recovery and considerably cutting down the treatment expenses. The recipient of the surgery, a 42-year-old Jaipur resident Kallo Devi is being treated at the hospital for left cheek cancer. Post diagnosis it was established that the patient requires surgery and therefore doctor removed the tumor from the left cheek. Post removal of tumor, plastic surgeon reconstructed mouth, faringe and upper part of the neck. The surgery has been performed by Dr Umesh Bansal , assistant consultant of plastic and reconstructive department, BMCHRC. “This kind of reconstruction generally requires skin, bones and muscles, which are usually taken from different body