अब जाना है की हर टयूमर कैंसर नहीं होता


जयपुर निवासी शिवानी शर्मा ने बताया कि 10वीं के एग्जाम के बाद मैं अपनी पूरी फैमेली के साथ हॉलीडे एंजॉय कर रही थी और इसी दौरान मुझे पांव में बहुत तेज दर्द होने लगा। इससे पहले भी मुझे पांव में दर्द होता था, लेकिन वो बहुत हल्का था, इसलिए मैंने उस पर ज्यादा गौर नहीं किया। इस बार जो दर्द हुआ वो इतना तेज था कि मेरा चलना-फिरना बंद हो गया। डॉक्टर को दिखाकर जॉच करवाई तो पता चला कि पांव में टयूमर है। इसको जानकर मैं कुछ ज्यादा नहीं समझ पाई, लेकिन घर वालों के हाव-भाव देखकर मुझे भी टेंशन होने लगी। उसके बाद घर वालों ने कई हॉस्पिटल और डॉक्टर्स के चक्कर लगाना शुरू कर दिया।

शिवानी की मां अनिता ने बताया कि दिल्ली एम्स सहित हमने राजस्थान के चार हॉस्पिटल में इस टयूमर को निकलवाने के लिए डॉक्टर्स से मुलाकात की, लेकिन सभी ने इसकी सर्जरी में 99 परसेंट पांव कटने का रिस्क बताया, जिसकी वजह से हम इसे ऑपरेट करवाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। इसके बाद भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के डॉ प्रवीण गुप्ता से मुलाकात हुई और उन्होंने इस केस में पांव काटने रिस्क सिर्फ 1 परसेंट बताई। हमें विश्वास हो गया कि अब हम सही डॉक्टर के पास पहुंचे है। 27 जुलाई को बेटी के पांव का ऑपरेशन करके टयूमर निकाला और 28 जुलाई को बेटी चलने-फिरने लग गई। हम डॉ प्रवीव के शुक्रगुजार है कि उन्होंने बेटी को आज पूरी तरह से स्वस्थ कर दिया है। आज वो दिन याद करती हूं जब टयूमर का पता चलते ही मैं बहुत बूरी तरह से घबरा गई थी, आज कह सकती हुं कि हर टयूमर कैंसर नहीं होता, इसका उपचार करवाकर इसे पूरी तरह से निकलावाया जा सकता है। 

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